नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका करियर प्लानेट कंप्यूटर एजुकेशन के हिंदी ब्लॉग पर,
दोस्तों आज हम चर्चा करने वाले हैं कैपिटल गुड्स के बारे में ! कैपिटल गुड्स क्या होते हैं?
यदि आप इन्हें बेचते हैं, तो जीएसटी में इनका एकाउंटिंग ट्रीटमेंट क्या होगा? हमें कौन-कौन
सी एंट्रीज करनी होगी? जीएसटीआर Returns में हमें entries को किस तरह से शो करेंगे?
कैपिटल गुड्स पर जो इनपुट टैक्स क्रेडिट हमें मिलता है, उसको हम किस तरह से
एडजस्ट करेंगे यह सारी जानकारी आज की पोस्ट में मैं आपको देने वाला हूं!
आइए शुरुआत करते हैं-
कैपिटल गुड्स:-
सबसे पहले हम बात करते हैं कैपिटल गुड्स की की कैपिटल गुड्स होते क्या है या कैपिटल गुड्स
किसे कहते हैं?
व्यापार में हम कई प्रकार की संपत्तियां खरीदते हैं, लेकिन उनमें से कुछ संपत्तियां स्थाई
संपत्तियों होती हैं, और उनका उपयोग हम मैन्युफैक्चरिंग के लिए करते हैं,
तो ऐसी सभी संपत्तियां जिनका उपयोग मूल रूप से माल को उत्पादित करने के लिए किया
जाता है, उन्हें हम कैपिटल गुड्स के नाम से जानते हैं जैसे प्लांट एंड मशीनरी !
किसे कहते हैं?
व्यापार में हम कई प्रकार की संपत्तियां खरीदते हैं, लेकिन उनमें से कुछ संपत्तियां स्थाई
संपत्तियों होती हैं, और उनका उपयोग हम मैन्युफैक्चरिंग के लिए करते हैं,
तो ऐसी सभी संपत्तियां जिनका उपयोग मूल रूप से माल को उत्पादित करने के लिए किया
जाता है, उन्हें हम कैपिटल गुड्स के नाम से जानते हैं जैसे प्लांट एंड मशीनरी !
जी एस टी एक्ट में कैपिटल गुड्स को विक्रय करने पर प्रावधान-
डेप्रिसिएशन को चार्ज करने के बाद यदि व्यापार में कभी ऐसी परिस्थिति आ जाती है, जब हम अपनी कैपिटल गुड्स को बेचना चाहते हैं! ऐसी कंडीशन में जीएसटी आने के बाद हमें कुछ नियमों का ध्यान रखना होता है जीएसटी एक्ट में कैपिटल गुड्स को बेचने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं जिनमें से प्रमुख इस प्रकार से हैं-
• Schedule II CGST Act, Para 4 (a)
• Schedule I CGST Act, Para 1
• Section 18 (6) of CGST Act
• Rule 44 CGST Rules
कैपिटल गुड्स पर जीएसटी की गणना-
दोस्तों सबसे बड़ा व्यवहारिक प्रश्न हमारे सामने यह खड़ा होता है कि जब हम जीएसटी मैं अपनी कैपिटल गुड्स को बेचते हैं तो उस समय हमें टैक्स की गणना किस प्रकार से करनी है? तो यहां जीएसटी एक्ट में हमें यह बताया गया है की कैपिटल गुड्स को बेचते समय यदि हमने उस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया है तो हमें उस मशीन की बची हुई यूज़फुल लाइफ के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट की गणना करनी होगी और उस घटना से प्राप्त होने वाली राशि को टैक्स के रूप में हमें सरकार को जमा करवाना होगा!
इसी प्रकार से ट्रांजैक्शन करते समय मशीन पर जो भी जीएसटी रेट एप्लीकेबल है उसके अनुसार भी हमें टैक्स की गणना करनी होगी और दोनों ही प्रकार की घटनाओं में इनपुट टैक्स वाली गणना वह ट्रांजैक्शन करते समय की गई गणना में जो भी राशियों में मिलती है उन दोनों राशियों कि हमें तुलना करनी है और जो भी राशि ज्यादा हो उसे हमें सरकार को टैक्स के रूप में देना होगा और इस राशि को जीएसटी आर वन में शो करना होगा साथ ही साथ हमें इसके लिए जीएसटी टैक्स इनवॉइस भी बनाना होगा !
टैली ईआरपी 9 में कैपिटल गुड्स से संबंधित एंट्रीज जीएसटी के साथ करना-
- टैली ईआरपी 9 में सबसे पहले हम जीएसटी से संबंधित ऑप्शन को एक्टिवेट कर लेंगे इसके लिए गेटवे ऑफ़ टैली में खड़े होकर फंक्शन की F11 प्रेस करनी है! और जाना है हमको टैक्सेशन ऑप्शन में!
- लेजर क्रिएशन- यहां में दो लेजर क्रिएट करना है - 1. मशीनरी सेल्स a/c अंडर सेल्स ग्रुप (इस पर हमें जीएसटी को एप्लीकेबल करना है और जीएसटी की रेट भी सेट कर लेनी है) 2. पार्टी लेजर a/c अंडर sundry debtors
वाउचर एंट्री टैली ईआरपी 9-
1. पहली एंट्री पोस्ट करनी है हमें सेल्स वाउचर में-Party A /C Dr.
To Machinery Sales A/C
To CGST/SGST/ IGST
एंट्री पास करने के बाद आप देखेंगे कि बैलेंस शीट में अभी भी हमारी एसेंट की वैल्यू कम नहीं हुई है! इसके लिए हमें फिर से एक और एडजस्टमेंट एंट्री जनरल वाउचर में पोस्ट करनी होगी-
Machinery Sales A/C Dr.
To Respective Asset Ledger
जनरल वाउचर में एंट्री पोस्ट करने के बाद आप देखेंगे कि बैलेंस शीट में हमारे सेट की वैल्यू कम हो गई है, और जीएसटी रिटर्न में जीएसटी आर वन में हमारी सेल्स की एंट्री आ चुकी है!
दोस्तों ज्यादा जानकारी के लिए और उपरोक्त तो पूरी प्रक्रिया को लाइव देखने के लिए आप हमारे YouTube वीडियो को देख सकते हैं -
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